Breaking

Monday 6 April 2020

अस्पताल से ठीक होकर लौटे बेन किंग ने कहा- परिवार के लिए जीना चाहते हैं तो जरा भी रिस्क न लें

टेक्सास के बेन किंग कोरोना से जंगजीतकर वापस आए हैं। हालांकि वे अभीक्वारैंटाइन में हैं। उनकी पत्नी क्रिस्टिन नर्स हैं।अस्पताल में बीते अपने वक्त को बेन जिंदगी का सबसे खराब और डरावना वक्त बताते हैं। वे बताते हैं- मैं सभी से, खास तौर पर युवाओं से कहना चाहूंगा कि इसे मजाक मत समझिए, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो। ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि जो नर्क मैंने भोगा है, वो किसी और को न भुगतना पड़े।

बेन ने कहा- मैं परिवार के साथ घूमने के लिए क्रूज से 5 दिन के सफर पर निकला था, तभी कोरोना ने जकड़ लिया। उस वक्त तक मैं काफी स्वस्थ्य और फिट था। कोरोना जब मारता है, तो बहुत तेजी से और जोर से मारता है। अस्पताल के बिस्तर पर लेटे-लेटे पहली दो रातों में ही लगने लगा था कि अब जिंदा नहीं लौट पाऊंगा, पर मैं खुशकिस्मत निकला। हालत इतनी बिगड़ी कि मैं दो शब्द भी नहीं बोल पा रहा था। सिर में इतना दर्द था कि आंखें भी नहीं खोल पा रहा था।

कोरोना से जंग जिंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई
कोविड-19 से जंग मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई थी। मैं रोज भगवान से प्रार्थना करता था कि प्लीज मुझे मरने मत देना। वो दो दिन मेरी जिंदगी से सबसे लंबे दिन और वह समय मेरी जिंदगी का सबसे डरावना वक्त रहा है। अगर आपके पास परिवार, बच्चे, दोस्त हैं और ऐसा कुछ है जिसके लिए आपको जिंदा रहना है, तो रिस्क मत लीजिए। हम एक महीने से अपनी दोनों बेटियों से नहीं मिले हैं, और अप्रैल तक मिल भी नहीं पाएंगे। ये बहुत दर्द देता है। डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, कर्मचारी सभी अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, ताकि हम जिंदा रह सके। अगर अब भी रिस्क नहीं समझ पा रहे हैं, तो मेरे विचार से हम सबसे बड़े मूर्ख हैं।

नर्स पत्नी बोलीं- कोई खतरे कोनहीं समझ पाया
बेन टेक्सास में ग्रेपवाइन के बेयलर स्कॉट एंड व्हाइट मेडिकल सेंटर में भर्ती थे। उनकी पत्नी क्रिस्टिन इसी अस्पताल में नर्स हैं। वे बताती हैं- जब 25 मार्च को बेन को कोविड-19 होने का पता चला तोकोई नहीं समझ पाया कि क्या हुआ है। दोस्तों और लोगों ने कहा- यह कुछ खास नहीं है। हमने किसी को इससे संक्रमित नहीं देखा। खतरे की बात नहीं है। धीरे-धीरे बेन की हालत बिगड़ने लगी, तो इमरजेंसी में पहुंचे। वहां से दवा देकर घर भेज दिया। एक नर्स होने के नाते मैं बेन की देखभाल में जुट गईं पर उनका बुखार 104 डिग्री से नीचे नहीं जा रहा था, सांस लेने में दिक्कत भी बढ़ रही थी। एक मुश्किल वक्त और लंबे संघर्ष के बाद बेन घर लौटे हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
अस्पताल से लौटने के बाद बेन और क्रिस्टिन अपने बीते वक्त को जिंदगी का सबसे खराब और डरावना वक्त बताते हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39JWSQS

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box