कोच्चि से बाबू के पीटर.केरल देश का पहला राज्य था, जहां कोराेनावायरस का मामला सामने आया था। शनिवार को यहां इससे पहली मौत हुई है। सबसे पहले वुहान से लौटे तीन छात्र काेराेना पॉजिटिव मिले थे। ये छात्र कासरगोड, त्रिशूर और अलपुझा जिले के थे। तुरंत कदम उठाते हुए इन्हें आइसोलेशन में रखा गया और इनके संपर्क में आए करीब 3 हजार लोगों को घरों में क्वारेंटाइन में भेज दिया गया। इन मामलाें के सामने आने के बाद राज्य में आपदा घोषित कर दी गई थी, लेकिन चार दिन में स्थिति नियंत्रण में आ गई और आपदा की चेतावनी वापस ले ली गई। फिर आठ मार्च को अचानक एक साथ पांच मामले सामने आए। इनमें से तीन लोग इटली से लौटे एक ही परिवार से थे। दो लोग वो थे, जो इनके संपर्क में आए थे। इसके बाद राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। नौ मार्च को एक साथ तीन और मामले सामने आए। इसके बाद से यह सिलसिला जारी है। अब 69 साल के एक व्यक्ति ने कोच्चि के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम ताेड़ दिया है। यह राज्य में कोराना वायरस से पहली मौत है। यह व्यक्ति 22 मार्च को ही दुबई से लौटा था। जबकि देश में अब तक बीस से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
14 जिलों में मिले पॉजिटिव
केरल देश में काेराेना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दूसरा राज्य है। यहां 187 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 11 विदेशी नागरिक हैं। 14 जिलों में पॉजिटिव मामले मिल चुके हैं। इसमें कासरगोड जिले में 85 से अधिक मामले सामने आए हैं। यह राज्य का सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बन गया है। कासरगोड सेंट्रल यूनिवर्सिटी को कोविड प्राइमरी सेटर केयर सेंटर में तब्दील कर दिया गया है। कासरगोड मेडिकल कॉलेज में भी विशेष इंतजाम किया जा रहा है। शनिवार को यहां हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। पड़ाेसी राज्य ने जिले से लगी अपनी सीमा सील कर दी है। इधर, पूरे केरल में एक लाख 10 हजार से अिधक लोग निगरानी में हैं। इन्हें राज्य के 616 अस्पतालों में रखा गया है। केरल में काेरोनावायरस के मरीजों पर एचआईवी की दवा देने के प्रभावशाली प्रयोग के बाद सरकार ने तालुका स्तर के अस्पतालों में यह दवा उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
राज्य में कम्युनिटी किचन खोले जा रहे
अब तक यह दवा सिर्फ जिला स्तर के अस्पतालों में ही दी जाती थी। राज्य सरकार मरीजाें के इलाज के लिए क्यूबन मेडिसिन के इस्तेमाल पर भी विचार कर रही है। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी से अनुमति मांगी जाएगी। आम लोगों को दिक्कत न हो इसलिए पूरे राज्य में कम्युनिटी किचन खाेले जा रहे हैं। कृषि विभाग गांवों में सब्जियों के बीज किसानोें को उपलब्ध कराने का फैसला किया है। यह व्यवस्था स्थानीय प्रशासन के माध्यम से की जाएगी। एक और खास बात यह देखने में आई है कि केरल के मंदिरों में भक्तों के न पहुंचने से बंदर हिंसक हो रहे हैं, इसे देखते हुए प्रशासन ने मंदिरों के बाहर बंदरों के लिए खाने-पीने का इंतजाम किया है।
एक लाख युवाओं काे तैयार किया
- युवा मामलों का विभाग काेराेना से लड़ने के लिए 22 से 24 साल के युवाआें को तैयार कर रहा है। करीब 1 लाख युवा इसमें काम करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
- राज्य में 4603 कैम्प शुरू किए गए हैं। इनमें बाहर के मजदूरों के रहने का इंतजाम है। इन मजदूरों को हिन्दी, बंगाली और उड़िया भाषा में जानकारियां दी जा रही हैं।
- राज्य में लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध करवाने के लिए करीब 748 कम्युनिटी किचन शुरू किए गए हैं। ऐसे ही 300 और किचन आने वाले दिनों में शुरू किए जाएंगे।
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